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स्मार्टफोन भारत जैसे देशों में प्रौद्योगिकी की छलांग का एक बड़ा उदाहरण है, जहां अधिकांश फोन उपयोगकर्ताओं के पास कभी लैंडलाइन नहीं थी। विकासशील देशों में किफायती मोबाइल फोन की बढ़ती पहुंच अब वैज्ञानिकों के लिए प्रयोगशाला, क्षेत्र या घर से काम करते समय सार्थक और समय पर शोध करना संभव बना रही है।
नेचर इंडिया की 'मोबाइल की दुनिया' (Our mobile world) पॉडकास्ट श्रृंखला उन कई तरीकों पर नज़र डालती है जिनसे स्मार्टफोन ने भारत में विज्ञान और समाज के बीच की गतिशीलता और शोधकर्ताओं के काम करने के तरीके को बदल दिया है। हम भारत में विज्ञान और अनुसंधान के प्रवर्तक के रूप में स्मार्टफोन से लेकर डिजिटल स्वास्थ्य, डिजिटल निरक्षरता, मोबाइल ई-कचरे पर अनुसंधान, डिजिटल विभाजन और चिकित्सा, कृषि और शासन में नवाचार जैसे विषयों पर विचार कर रहे हैं। हमने मुख्य रूप से भारत से कहानियाँ चुनी हैं, लेकिन हमारे पास वैश्विक दक्षिण के अन्य देशों से भी उदाहरण हैं।
इस एपिसोड में हम चर्चा करेंगे कि मोबाइल फोन विज्ञान शिक्षा और विज्ञान संचार को कैसे बदल रहे हैं।
होस्ट: सुभ्रा प्रियदर्शिनी, प्रोडक्शन और स्क्रिप्ट: अरोमा वारसी, साउंड एडिटिंग: प्रिंस जॉर्ज
doi: https://doi.org/10.1038/d44151-023-00202-0
Transcript
विज्ञान कक्षाओं से लेकर नागरिक विज्ञान तक, वैज्ञानिक मोबाइल फोन की विविध संभावनाओं का उपयोग कर रहे हैं
आज के एपिसोड में हम सुनेंगे कि कैसे मोबाईल फोन विज्ञान की शिक्षा के लिए और जनता के साथ जुड़ने का एक बहुत मददगार साधन हैं। मोबाइल फोन लोगो को बड़ी मात्रा में सूचना और शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच प्रदान करते हैं। इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ, छात्र तेजी से विषयों पर शोध कर सकते हैं, डिजिटल पाठ्यपुस्तकों तक पहुंच सकते हैं और इंटरैक्टिव शिक्षण सामग्री का पता लगा सकते हैं।
आज के एपिसोड में, हम सुनेंगे कि कैसे मोबाईल फोन विज्ञान की शिक्षा के लिए और जनता के साथ जुड़ने के लिए एक बहुत मददगार साधन हैं। हम बात करेंगे शालिनी शर्मा से, जो Indian Institute of Science Education and Research, Pune में Humanities और Social Science में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, और साथ ही साइंस मीडिया सेंटर की faculty coordinator भी हैं। हम विज्ञान संचारक रश्मि श्योराण से भी बात करेंगे, जो आई आई टी गांधीनगर में प्रोजेक्ट एसोसिएट हैं और सोशल मीडिया पर भी बहुत सक्रिय हैं।
यह एपिसोड DBT Wellcome Trust India Alliance के समर्थन से तैयार किया गया है।
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